महाराजा रणजीत सिंह और अंग्रेज महमान

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एक बार महाराजा_रणजीत_सिंह के महल में कुछ अंग्रेज मेहमान ठहरे हुए थे। वे गेस्ट हाउस में सोकर उठे, अचानक उन्हें बंदूक की आवाज सुनाई दी। वे महाराजा के पास पहुंचे कि राज महल में गोलियां क्यों चल रही हैं? महाराजा ने देखा तो कुछ घोड़ों पर सवार निहंग_सिंह निशानेबाजी कर रहे थे और उन्होंने गोली मारकर महल की बाड़ तोड़ दी। महाराजा रणजीत_सिंह उन्हें देखकर प्रसन्न हुए और अंग्रेजों से कहा कि ये गुरु की सेनाएँ हैं। जब उनसे पूछा गया कि वे यहां क्यों आए और शूटिंग क्यों कर रहे हैं? तो महाराजा ने जवाब दिया कि ये सिंह अमृतसर_साहिब से आए हैं और साल में कई बार आते हैं और ऐसे ही शूट करते हैं। मुझे याद दिलाने के लिए कि यह राज्य मेरी निजी संपत्ति नहीं बल्कि खालसा_पंथ की विरासत है। एक महाराजा के मुंह से ये शब्द सुनकर अंग्रेज सहम गए।

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