समाज की व्यवस्थाओं पर व्यंग
*भेडियों का झुंड ,बकरियों के बीच ये सन्देश फैला चुका था कि आपके हिस्से की घास ये भैंसे खा जाती हैं ।*
ये *आपके साथ अन्याय है ।* आप *हमारे को चुनों* हम भैंसों से आपका अधिकार ही नहीं दिलवाएगें बल्कि *उनको इस जंगल से भी भगा देंगे ।*
*सभी बकरियाँ बहुत खुश हुई* कि चलों भेड़िया राजा बनेगा तो भैंसों को यहाँ से भगा देगा और फिर *हमको खूब हरी हरी घास खाने को मिलेगी ।*
*बकरियों ने भेडियों के पक्ष में जमकर मतदान किया ।* परिणामस्वरूप *भेड़िया जबरदस्त बहुमत से राजा चुन लिया गया ।*
*उधर भैंसों में संगठन था ।* वो *अपनी ताकत और एकता के बल पर शेरों को भी दौड़ा देते थे* ।वह *अपने हिस्से कि घास खा रहे थे।* और बकरियों को *नुकसान भी नहीं पहुंचाते थे।*
*भेडियों की कोई औकात नही थी कि वो भैंसों को जंगल से भगा सके ।* इसलिए भेडिये *केवल भैंसों से संघर्ष कि दिखावे कि नौटंकी करते ।*
उल्टे उसके साथियों ने *बकरियों की दावत खानी शुरू कर दी ।*
*कोई भी बकरी कभी भी मार दी जाती थी ।* बकरियों की संख्या में जबरदस्त कमी हो रही थी ।
उनमे *भेडियों के प्रति जबरदस्त आक्रोश पनपने लगा था ।* ना तो भैंसे जंगल से बाहर गयी थी और ना ही उनको हरी हरी घास मिल रही थी । *उल्टे बकरियों पर भेडियों का जबरदस्त अत्याचार बढ़ता जा रहा था ।* भेडिय़ों के झुंड को लगने लगा था कि *अब हमारा राजा बनना मुश्किल है ।*
वो बकरियों मे पैदा हो रहे *आक्रोश को दबाने के लिए रोज रोज नये नये उपाय सोचने लग गये ।* बकरियों को रोज *रोज नया लालीपाप दिया जाता। उनकी जागृति को भटकाया जाता।*
मजबूर होकर भेडियों के झुंड ने आखिर *एक दिन घोषणा कर दी कि वो अपने पालतू बकरे को अपना मंत्री बनायेगा ।*
जब *बकरियों ने सुना कि एक बकरा भी अब मंत्री बनेगा तो उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नही रहा ।* सब आपस में एक दूसरे को बधाई देने लगे ।
*उधर बकरा मंत्री बना और उधर बकरे दोगुनी गति से मारे जा रहे थे ।* , फिर भी बकरे भेडियों के प्रशंसा गीत गाये जा रहे थे । *कठपुतली मंत्री को देखकर वो बहुत खुश थे लेकिन उनको ये पता नही था कि ये सिर्फ गुलाम है ।* ये हमारा कोई भला नही कर सकता ।
*बकरियों के झुंड में फिर रोष फेलने लगा।*
*हमें तो प्रधानमंत्री का ही पद चाहिए।* तभी हमारे लोगों को अधिकार मिलेंगे, हमारा विकास होगा।
*भेडियों के झुंड ने एक और पालतू बकरे को प्रधानमंत्री बनाने कि घोषणा कि।*
*बकरियों में खुशी कि लहर दौड गई। अब हमारा ही प्रधानमंत्री होगा।हमारे ही मुख्यमंत्री होंगे*
*चुनाव हुए और भेडिय़ों के झुंड ने कठपुतली बकरे को राजा बना दिया और फिर उसकी आड मे एक एक करके बकरियों कि दावत आसानी से भेडियों के झुंड ले रहे थे।*
*बकरियों के घरों मे बकरे-बकरी के बच्चे नहीं पल रहे थे।वह भविष्य के भेडियों का भोजन-दावत पल रही थी।*
*जिसे बकरियां बडे लाड प्यार से पाल रही थी।*